गोल्ड लोन के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई गोल्ड लोन लेने वाला ग्राहक ईएमआई चुकाने में विफल रहता है, तो बैंक उसके गोल्ड लोन को रिन्यू नहीं करेंगे। इसके बजाय, बैंकों को डिफॉल्टरों से पूरी बकाया रकम वसूलने के निर्देश दिए गए हैं।
गोल्ड लोन प्रोडक्ट्स पर नए दिशानिर्देश
आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, यदि कोई गोल्ड लोन लेने वाला ग्राहक एक या अधिक किस्तों का भुगतान करने में विफल रहता है, तो बैंक उसके लोन को रिन्यू नहीं करेगा। इसके बजाय, बैंक को चूककर्ता से पूरी बकाया रकम एकमुश्त वसूलनी होगी।
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इससे पहले, गोल्ड लोन लेने वालों को अपने लोन को रिन्यू करने की अनुमति दी जाती थी। हालांकि, अब इस प्रथा पर रोक लगा दी गई है। यह नियम सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर लागू होगा जो गोल्ड लोन उत्पाद बेचते हैं।
गोल्ड लोन के लिए जुर्माना भी बढ़ा
नए दिशानिर्देशों के तहत, गोल्ड लोन में चूक करने पर लगने वाले जुर्माने को भी बढ़ा दिया गया है। अब चूककर्ताओं को उनके द्वारा लिए गए लोन की पूर्ण रकम पर 2% प्रति वर्ष की दर से जुर्माना देना होगा। पहले यह जुर्माना सिर्फ बकाया रकम पर लगता था।
गोल्ड लोन के नियमों को सख्त करने का यह कदम उपभोक्ताओं को अनावश्यक रूप से गोल्ड लोन लेने से रोकने के लिए उठाया गया है। इससे बैंकों को भी डिफॉल्टरों से लंबित रकम वसूलने में मदद मिलेगी।
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आरबीआई के नए दिशानिर्देश गोल्ड लोन लेने वालों पर अधिक नियंत्रण लगाते हैं। ग्राहकों को अपने लोन की किस्तों का भुगतान समय पर करना होगा, नहीं तो उन्हें पूरी बकाया रकम चुकानी पड़ेगी। साथ ही, चूक करने पर उन्हें अधिक जुर्माना भी देना होगा। यह उपभोक्ताओं को सावधान रहने और केवल आवश्यकतानुसार ही गोल्ड लोन लेने के लिए प्रेरित करेगा।